अपनी बालकृति
"हँसता गाता बचपन" से
लगभग 30 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था।
इसकी लोक-प्रियता का आभास
मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही
इसके समीपवर्ती क्षेत्र के अन्य विद्यालयों में भी
इसको विशेष अवसरों पर गाया जाने लगा।
आप भी देखे-
स्वागतम आपका कर रहा हर सुमन।
आप आये यहाँ आपको शत नमन।।
भक्त को मिल गये देव बिन जाप से,
धन्य शिक्षा-सदन हो गया आपसे,
आपके साथ आया सुगन्धित पवन।
आप आये यहाँ आपको शत नमन।।
हमको सुर, तान, लय का नही ज्ञान है,
गल्तियाँ हों क्षमा हम तो अज्ञान हैं,
आपका आगमन, धन्य शुभ आगमन।
आप आये यहाँ आपको शत नमन।।
अपने आशीश से धन्य कर दो हमें,
देश को दें दिशा ऐसा वर दो हमें,
अपने कृत्यों से लायें, वतन में अमन।
आप आये यहाँ आपको शत नमन।।
दिल के तारों से गूँथे सुमन हार कुछ,
मंजु-माला नही तुच्छ उपहार कुछ,
आपको हैं समर्पित हमारे सुमन।
आप आये यहाँ आपको शत नमन।।
स्वागतम आपका कर रहा हर सुमन।
आप आये यहाँ आपको शत नमन।।
स्वागतम-स्वागतम, स्वागतम-स्वागतम!!
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Tuesday, January 28, 2014
"स्वागत गान" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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स्वागत गान,
हँसता गाता बचपन
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Bahut hi sundar swagat geet
ReplyDeleteBahut hi sundar swagat geet
ReplyDeleteBahut hi sundar swagat geet
ReplyDeleteबहुत उत्कृष्ट स्वागत गीत....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर व सार्थक ।
ReplyDeletebahut sundar .....
ReplyDeleteआपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (28.02.2014) को " शिवरात्रि दोहावली ( चर्चा -1537 )" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें, वहाँ आपका स्वागत है। महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ।
Sundar geet.
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