समर्थक

Sunday, February 23, 2014

"स्वागतगान" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

अपनी बालकृति 
"हँसता गाता बचपन" से
स्वागतगान
लगभग 29 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था।
इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही
इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों में भी इसको विशेष अवसरों पर गाया जाने लगा।
आप भी देखे-
स्वागतम आपका कर रहा हर सुमन। 
आप आये यहाँ आपको शत नमन।। 

भक्त को मिल गये देव बिन जाप से, 
धन्य शिक्षा-सदन हो गया आपसे, 
आपके साथ आया सुगन्धित पवन। 
आप आये यहाँ आपको शत नमन।।

हमको सुर, तान, लय का नही ज्ञान है, 
गल्तियाँ हों क्षमा हम तो अज्ञान हैं, 
आपका आगमन, धन्य शुभ आगमन। 
आप आये यहाँ आपको शत नमन।। 

अपने आशीश से धन्य कर दो हमें, 
देश को दें दिशा ऐसा वर दो हमें, 
अपने कृत्यों से लायें, वतन में अमन। 
आप आये यहाँ आपको शत नमन।। 

दिल के तारों से गूँथे सुमन हार कुछ, 
मंजु-माला नही तुच्छ उपहार कुछ, 
आपको हैं समर्पित हमारे सुमन। 
आप आये यहाँ आपको शत नमन।। 

स्वागतम आपका कर रहा हर सुमन। 
आप आये यहाँ आपको शत नमन।। 
स्वागतम-स्वागतम, स्वागतम-स्वागतम!!

No comments:

Post a Comment

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथासम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।