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Saturday, April 12, 2014

"बालकविता-कद्दू" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)

अपनी बालकृति 
"हँसता गाता बचपन" से
बालकविता
♥ कद्दू ♥
 
नेता जैसा कद्दू प्यारा।
काशी फल है सबसे न्यारा।।

देवालय में त्यौहारों में।
कथा-कीर्तन भण्डारों में।।

इसका साग बनाया जाता।
पूड़ी के संग खाया जाता।।

जब बेलों पर पक जाता है।
इसका रंग बदल जाता है।।

कद्दू होता गोल-गोल है।
नेता के जैसा सुडौल है।।

बहुत बोलता थोथा-थोथा।
झूठ भरा नस-नस में होता।।

1 comment:

  1. शानदार कविता . जय हो.

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