अपनी बालकृति
"हँसता गाता बचपन" से
"बाल मिठाई"
मेरे पापा गये हुए थे,
परसों नैनीताल।
मेरे लिए वहाँ से लाए,
वो यह मीठा माल।।
खोए से यह बनी हुई है,
जो टॉफी का स्वाद जगाती।
मीठी-मीठी बॉल लगी हैं,
खोए से यह बनी हुई है,
जो टॉफी का स्वाद जगाती।
मीठी-मीठी बॉल लगी हैं,
मुझको बहुत पसंद है आती।।
कभी पहाड़ों पर जाओ तो,
इसको भी ले आना भाई।
भूल न जाना खास चीज है,
अल्मौड़ा की बॉलमिठाई।।
कभी पहाड़ों पर जाओ तो,
इसको भी ले आना भाई।
भूल न जाना खास चीज है,
अल्मौड़ा की बॉलमिठाई।।
रक्षाबन्धन के अवसर पर,
यह मेरे भइया ने खाई।
उसके बाद बहुत खुश होकर,
मुझसे राखी भी बंधवाई।।
मुझे भी बाल मिठाई बहुत पसंद है जब कोई रामनगर जाता है वहाँ से जरुर मंगवा लेती हूँ .. मुहं में पानी भर आया
ReplyDeleteअल्मोड़ा से मंगवाईये खीम सिंह मोहन सिंह की ।
ReplyDeleteBahut sundar.
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