अपनी बाल कृति
"हँसता गाता बचपन" से
एक बालकविता
"चिड़िया की कहानी"
रंग-बिरंगी चिड़िया रानी।
सबको लगती बहुत सुहानी।। दाना-दुनका चुग कर आती। फिर डाली पर है सुस्ताती। रोज भोर में यह उठ जाती। चीं-चीं का मृदु-राग सुनाती।। फुदक-फुदक कर कला दिखाती। झटपट नभ में यह उड़ जाती।। तिनका-तिनका जोड़-जोड़कर। नीड़ बनाती है यह सुन्दर।। उसमें अण्डों को देती है। तन-मन से उनको सेती है।। अब यह मन ही मन मुस्काती। चूजे पाकर खुश हो जाती।। चुग्गा इनको नित्य खिलाती। दुनियादारी को सिखलाती।। एक समय ऐसा भी आता। जब इसका मन है अकुलाता।। फुर्र-फुर्र बच्चे उड़ जाते। इसका घर सूना कर जाते।। करने लगते हैं मनमानी। चिड़िया की है यही कहानी।। ♥चित्रांकन-प्रांजल शास्त्री♥ |
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Sunday, December 29, 2013
"चिड़िया की कहानी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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Wednesday, December 25, 2013
"मेरी रेल" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
अपनी बाल कृति
"हँसता गाता बचपन" से
एक बालगीत
"मेरी रेल"
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Saturday, December 21, 2013
"बालकविता-मिक्की माउस" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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Tuesday, December 17, 2013
"कुकड़ूकूँ की बाँग लगाता" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
अपनी बाल कृति
"हँसता गाता बचपन" से
एक बालकविता
"कुकड़ूकूँ की बाँग लगाता"
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Friday, December 13, 2013
"लड्डू हैं ये प्यारे-प्यारे" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
अपनी बाल कृति
"हँसता गाता बचपन" से
एक बालकविता
"लड्डू हैं ये प्यारे-प्यारे"
लड्डू हैं ये प्यारे-प्यारे,
नारंगी-से कितने सारे!
बच्चे इनको जमकर खाते,
लड्डू सबके मन को भाते!
प्रांजल का भी मन ललचाया,
लेकिन उसने एक उठाया!
अब प्राची ने मन में ठाना,
उसको हैं दो लड्डू खाना!
तुम भी खाओ, हम भी खाएँ,
लड्डू खाकर मौज़ मनाएँ!
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Monday, December 9, 2013
"कच्चे घर" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
अपनी बाल कृति "हँसता गाता बचपन" से
एक बालकविता
"कच्चे घर"
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Thursday, December 5, 2013
"सबके मन को बहलाते हैं" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
अपनी बाल कृति "हँसता गाता बचपन" से
एक बालगीत
"सबके मन को बहलाते हैं"
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Sunday, December 1, 2013
"मेरी डॉल" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
"हँसता गाता बचपन" से
बालकविता
"मेरी डॉल"
मम्मी देखो मेरी डॉल।
खेल रही है यह तो बॉल।।
पढ़ना-लिखना इसे न आता। खेल-खेलना बहुत सुहाता।। कॉपी-पुस्तक इसे दिलाना। विद्यालय में नाम लिखाना।। रोज सवेरे मैं गुड़िया को, ए.बी.सी.डी. सिखलाऊँगी। अपने साथ इसे भी मैं तो, विद्यालय में ले जाऊँगी।।
यह भी तो मेरे जैसी ही,
भोली-भाली सच्ची सी है।
मेरी गुड़िया सबसे न्यारी,
ये छोटी सी बच्ची सी है।।
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