अपनी बालकृति
"हँसता गाता बचपन" से
खेतों में शहतूत लगाओ
शीतलता को देने वाले।
पारा जब दिन का बढ़ जाता।
तब शहतूत बहुत मन भाता।
इसका वृक्ष बहुत उपयोगी।
ठण्डी छाया बहुत निरोगी।।
आँगन-बगिया में उपजाओ।
खेतों में शहतूत लगाओ।।
खेतों में शहतूत लगाओ।।
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