समर्थक

Saturday, September 21, 2013

♥ कद्दू प्यारा ♥ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

अपनी बालकृति 
"हँसता गाता बचपन" से
एक बालकविता
♥ कद्दू प्यारा ♥
नेता जैसा कद्दू प्यारा।
काशी फल है सबसे न्यारा।।

देवालय में त्यौहारों में।
कथा-कीर्तन भण्डारों में।।

इसका साग बनाया जाता।
पूड़ी के संग खाया जाता।।

जब बेलों पर पक जाता है।
इसका रंग बदल जाता है।।

कद्दू होता गोल-गोल है।
नेता के जैसा सुडौल है।।

बहुत बोलता थोथा-थोथा।
झूठ भरा नस-नस में होता।।

4 comments:


  1. बढ़िया बाल कविता -
    आभार गुरु जी-

    ReplyDelete
  2. बहुत बोलता थोथा-थोथा।
    झूठ भरा नस-नस में होता।।

    -बहुत बढ़िया प्रस्तुति -

    शान बन खड़ा हेलोवीन की ,

    कद्दू प्यारा ,सबसे न्यारा ,

    लैम्प पम्पकिन बनके प्यारा। खोखले पम्पकिन का हेलोवीन लैम्प बनाया जाता है।


    पटा पड़ा पम्पकिन सारा ,

    बन जग की आँख का तारा।

    ReplyDelete
  3. बहुत ही बढ़िया बाल कविता..
    अति सुंदर
    prathamprayaas.blogspot.in-

    ReplyDelete

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथासम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।