"हँसता गाता बचपन" से
बालकविता
"आँगन बाड़ी के हैं तारे"
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Thursday, November 14, 2013
"आँगन बाड़ी के हैं तारे" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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मैं ने एक फूल जो सीने में छिपा रख्खा था ,
ReplyDeleteथा जुड़ा सबसे मेरे इश्क का अंदाज़ सुनो मेरी आवाज़ सुनो !
सब बच्चों के राजदुलारे ,
नेहरू चाचा प्यारे प्यारे।
हमको करते रोज़ इशारे। सुन्दर स्मृति बाल दिवस की। स्व्प्न द्रष्टा एके जन्मदिवस की।
बढ़िया प्रस्तुति है आदरणीय-
ReplyDeleteसादर नमन-
Bahut khoob.
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