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Saturday, November 9, 2013

"झण्डा प्यारा" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

अपनी बालकृति "हँसता गाता बचपन" से
बालकविता
"झण्डा प्यारा"
तीन रंग का झण्डा न्यारा।
हमको है प्राणों से प्यारा।।

त्याग और बलिदानों का वर।
रंग केसरिया सबसे ऊपर।।

इसके बाद श्वेत रंग आता।
हमें शान्ति का ढंग सुहाता।।

सबसे नीचे रंग हरा है।
हरी-भरी यह वसुन्धरा है।।

बीचों-बीच चक्र है सुन्दर।
हों विकास भारत के अन्दर।।
चित्रांकन
प्रांजल
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6 comments:

  1. सुन्दर प्रस्तुति-
    आभार गुरु जी -

    सुन्दर चित्रांकन प्रिय प्रांजल -
    बधाइयाँ-
    आशीष

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  2. सुंदर प्रस्तुति एवं प्रिय प्रांजल को सुंदर चीत्रांकन के लिए शुभाशीष एवं बधाई ।

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  3. राष्ट्र ध्वज के सम्मान में खूबसूरत छंद...

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  4. राष्ट्र ध्वज के सम्मान में खूबसूरत छंद...

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